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कल्याण शहर क़ी प्रमुख संस्थाओं में से एक संस्था है -संस्कृति संगम .इस संस्था क़ी स्थापना २२ अगस्त सन २००० में हुई. यह संस्था जिन प्रमुख कार्यों को करती है उनमे से कुछ इस प्रकार हैं
१- विभिन्न विभागों में कार्य रत लोगों के सेवा निवृत्त हो जाने पर उनके सम्मान में ''सेवा सम्पूर्ति '' कार्यक्रम का आयोजन करना. जिसके माध्यम से उनके योगदान क़ी चर्चा करते हुवे ,समाज के बीच उनको सम्मानित करना.विशेष रूप से शिक्षा क्षेत्र से जुड़े लोगों का सम्मान यह संस्था करती है .
२-राष्ट्रीय कवि सम्मेलन और मुशायरे का आयोजन करना भी इस संस्था के प्रमुख कार्यों में से एक है. देश -विदेश के कई ख्याति प्राप्त कवियों को आमंत्रित कर उनके काव्य पाठ क़ी सुविधा यह संस्था उपलब्ध कराती है. श्री बालकवि बैरागी,सत्यनारायण सत्तन और ऐसे ही अनेकों कवियों को यह संस्था आमंत्रित करती रही है.
३-लोक संगीत के कार्यक्रमों को आयोजित करना भी इस संस्था के प्रमुख कार्यों में से एक है. उत्तर भारत से सम्बद्ध बिरहा जैसी लोक विधावों से सम्बंधित संगीत के कार्यक्रमों को यह संस्था करती रहती है.
४-समाज और संस्था से जुड़े वरिष्ट और स्नेही जनों का जन्मदिन याद रखते हुवे उनके जन्मोत्सव के कार्यक्रमों को भी यह संस्था बढ़-चढ़ के मनाती है. कई बार इस तरह के समारोह बड़े सभागृह में मनाये जाते हैं तो कई बार सम्बंधित व्यक्ति के घर पर .जैसा भी सहज संभव हो सके.
५-इसी तरह समाज के किसी व्यक्ति के देहांत पर,सभी को सूचित करना और श्रधान्जली सभा का आयोजन करना भी इस संस्था क़ी गतिविधियों में शामिल है.
५-प्रतिभावान विद्यार्थियों को सम्मानित करना और उन्हें क्षात्र वृत्ति देने का काम भी यह संस्था करती है.
६-समय-समय पर रक्त दान शिविर के आयोजन का काम भी यह संस्था करती है.
इस संस्था से सम्बद्ध प्रमुख लोगों में श्री विजय नारायण पंडित ,एडवो.राधेमोहन तिवारी ,मुन्ना पाण्डेय,बाबा तिवारी,विजय तिवारी और डॉ.मनीष कुमार मिश्रा प्रमुख हैं.
It is very good to see such a great person online, have been listening a lot about the works you keep doing for Society and Literature from Manish, I have also read and kept a copy of the book of poems by you. Hats off to you Vijay Bhai :)
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